Wednesday 25 October 2017

प्रेम के नाम पर पाकिस्तान का नया जाल

हाल ही में समाचार पत्रों के माध्यम से सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जो रिपोर्ट सामने आई है वो बेहद चौकाने वाली है. न्यूज वेबसाइट के अनुसार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में जासूसी के लिए अपने एजेंट्स को हनी ट्रैप की ट्रेनिंग देकर भेज रही है. उसका मकसद यहां की लड़की से शादी कराके अपने एजेंट को भारत की नागरिकता दिलाना है, ताकि उस पर शक न हो. ताजा मामला जालंधर से पकड़े गए पाकिस्तानी एजेंट एहसान उल हक का सामने आया है. उसने फेसबुक पर दोस्ती फिर प्यार का नाटक करके भारतीय लड़की से जुलाई 2012 को शादी कर ली. शादी गांव कोटकलां में पंजाबी रीति रिवाज से की थी. वो दुल्हा बनकर बाकायदा पगड़ी बांधकर आया था. लेकिन उस पर शक तब हुआ, जब उसने खुद को भारतीय बताकर आधार और पैन कार्ड बनवाया, फिर अलीपुर कॉलोनी में कोठी बनवा ली. लेकिन गिरफ्तारी होते ही पता चला वो पाक नागरिक है. जबकि इससे पहले भी जालंधर और फिरोजपुर में ऐसे ही 2 केस सामने आ चुके हैं.

दरअसल आधुनिकता का सीधा सा अर्थ है गहन सांस्कृतिक परिवर्तन, जैसे जिसमें कुछ पुराना त्यागने के साथ कुछ नया पकड़ना होता है जैसे रहन-सहन, पारम्परिक रीति-रिवाज के साथ अपने स्वयं के मूल्यों के अनुसार रहने के लिए स्वतंत्र स्वतंत्रता की स्थापना, अपने वर्तमान और भविष्य आदि को लेकर खुद फैसले लेना आदि दूसरा  आधुनिकता सभी को व्यक्तिगत स्वतन्त्रता के साथ किसी सत्य को आगे बढ़ाने में व्यक्ति को सशक्त बनाने, विश्वास करने, पढ़ने, लिखने, बोलने, संदेह, प्रश्न, तर्क करने और किसी भी विचार को खंडित करने का अधिकार देती है. किन्तु क्या आज के समाज में कोई ऐसा भी है जो अभी भी इस पर विश्वास करता है कि हम आधुनिकता के नाम पर पूरी तरह से आधुनिक परिभाषा के शब्दों के जाल में फंसकर अपने हाथों से अपने भविष्य का गला दबा रहे है?

दूसरा मामला 24 वर्षीय राजौल्लाह का है जिसे 2 अगस्त 2010 को फिरोजपुर पुलिस ने पकड़ा था.वह आईएसआई एजेंट था और नेपाल से इंडिया में आया था. उसने यहाँ आकर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में कैटरिंग का काम शुरू किया. लोग उसे राकेश कुमार बुलाते थे. उसने वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस तक बनवा रखे थे. वह बड़े आराम से आर्मी एरिया में बुलेट पर घूमता था. उसके चक्कर में तीन लड़कियां फंसी थीं. तीसरी को पता चल गया था कि राकेश दो और लड़कियों से अफेयर है. उसकी प्रेमिका ने ही पुलिस को सुचना दी थी. जब वह  पकड़ा गया तो खुलासा हुआ कि वह पाकिस्तानी है और आईएसआई के लिए जासूसी करता था.

उसी दौरान जालंधर के वर्कशॉप चौक के पास 21 अगस्त 2010 को पाकिस्तानी मोहम्मद आलम को पकड़ा था. वह यहां गोलगप्पे बेचने की आड़ में जासूसी कर रहा था. पकडे जाने आलम ने माना था कि उन्हें ट्रेनिंग में सिखाया जाता है कि कैसे भारतीय लड़की को प्यार में फंसाकर शादी करनी है. ऐसा करके वे पासपोर्ट जैसे अहम दस्तावेज बनवा सकते हैं. आलम 2006 में नेपाल से भारत आया था. जालंधर में उसने सब्जी बेचने वाले जितेंद्र सिंह से दोस्ती की. नाम ठाकुर अमरदास बताया. फिर जितेंद्र की शादीशुदा बहन प्रिया सिंह से शादी कर ली.

इससे यह तो स्पष्ट ही होता है कि पाकिस्तान किसी भी प्रकार से जिहाद के लिए भारत में अपनी आतंकवादी गतिविधियों से पीछे हटना नहीं चाहता. वह हमारे देश को हजार घाव देने की मानसिकता से बाहर निकलना नहीं चाहता इसलिए वह अपनी गुप्तचर संस्था आई एस आई को सक्रिय किये रखता है. इसके लिए उसने अब सबसे आसान राह चुनी और वो है प्रेमजाल क्योकि अब यहाँ युवक और युवतियां खुद को आधुनिक दिखाने के साथ पुरानी परम्पराओं से बचते दिखाई दे रहे है. मतलब वर्तमान आधुनिकता और स्वतन्त्रता की सीधी सी परिभाषा यह बना दी गयी है कि माता-पिता रिश्तेदारों के विपरीत जाना ही आधुनिकता और स्वतन्त्रता कहलाई जाती है और युवा इसका अक्षरश: पालन भी करता दिखाई दे रहा है.

विडम्बना देखिये! उपरोक्त सभी मामलों में लड़की पक्ष ने लड़की के प्रेम के सामने झुककर लड़के की पारिवारिक सामाजिक प्रष्ठभूमि को भी नहीं तलाशा! दरअसल आज भारत में आधुनिकता की दौड़ चल रही है इसमें युवा तबका बड़ी तेजी के साथ भाग ले रहा है. बुद्धिजीविओं का बड़ा वर्ग इस आधुनिकता को उचित ठहराने के साथ-साथ इसे युवाओं का मौलिक अधिकार भी मानता है. इसमें चाहें लिव-इन रिलेशनशिप हो या प्रेम विवाह सबको आधुनिक जीवन से जोड़कर देखा जा रहा है. शायद इस कारण इस आधुनिकता की दौड़ का सबसे ज्यादा फायदा उठा रहे है देश के दुश्मन और प्रेम के नाम महिलाओं का शोषण करने वाले लोग. पूर्व में भी गुप्तचर विभाग की रिपोर्टों के आधार पर आये समाचारो से यह भलीभांति ज्ञात होता रहा है कि आईएसआई ने अनेक आतंकवादी संगठनो के बल पर हजारों दंगे व सैकड़ो बम विस्फोटो द्वारा भारत में आतंकवाद फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. जिसमें कश्मीर का लगभग हिन्दू विहीन होना और पंजाब में आतंकवाद दोनों ही आईएसआई के दुःसाहस का स्पष्ट प्रणाम है.


बहरहाल आईएसआई ने लगभग चार दशक में हमारे देश के हजारो सुरक्षाकर्मियों व निर्दोषो के लहू को बहाने के अतिरिक्त हमें हजार घाव दिए है अब सरकार के साथ साथ सभी देशवासियों का सामुहिक कर्तव्य है कि इन जिहादी दानवो से राष्ट्र की, अपनी सुरक्षा में अपना यथासंभव योगदान करें. शादी विवाह जैसे फैसले लेने में पारिवारिक सहयोग ले. लड़के और लड़की की पारिवारिक, सामाजिक सांस्कृतिक प्रष्ठभूमि की जाँच जरुर करें. ताकि कोई दुश्मन आपका जीवन और देश का भविष्य बर्बाद करने दुष्साहस न कर पाए... फोटो साभार गूगल लेख राजीव चौधरी 

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