भारत संस्कृति,
सभ्यता, संस्कार और वैदिक धर्म के नाम से जाना जाने
वाला देश था. इस भूमि पर समय -समय पर ऋषि, महर्षियों का
आगमन हुआ. महापुरुष जन्मे और धर्म का सार लोगों तक पहुँचाया. शायद ही विश्व के
किसी देश की सभ्यता इतनी गर्वीली रही हो. रोम के इतिहास में संसार के सिरमौर
प्रबुद्ध भारत का वैभव का भी अध्यगयन किया गया. चीनी यात्री ह्वेनसांग ने
शाक्यमुनि भारतीय संस्कृति की विविधताओं से आकर्षित होकर अनेक लेखकों ने इसके
विभिन्न् पक्षों एवं अवधारणों का बखूबी वर्णन किया है. भारत की अमूर्त सांस्कृवतिक
विरासत जांचा परखा और पाया कि धर्म और ज्ञान का आरम्भ यही से हुआ. किन्तु अब यदि
आज के भारत की बात की जाये तो जिस देश में महर्षि कणाद, भारद्वाज
जैसे महान ऋषि हुए वहां आज आसाराम, राधे माँ, ओम
स्वामी ओम जैसे भ्रष्ट लोग इस भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत पर धर्म गुरु
बनकर प्रहार कर रहे है. प्रहार ही नहीं कई जगह तो नेतृत्व भी करते दिखाई दे जाते
है.
अभी हाल ही में कलर्स
टेलीविजन के बड़े शो ‘बिग बॉस 10’ के प्रतिभागी
स्वामी ओम जी आजकल बड़ी चर्चाओं में है. लम्बा तिलक, गेरुए
वस्त्र, बड़ी-बड़ी जटाएं मतलब हर एक वो श्रंगार किये है जिसे देखकर आम लोग या
भोली भाली जनता सन्यासी समझ लेती है. लेकिन इन चेहरों का सच देखिये ओम स्वामी उस
वक्त सुर्खियों में आए थे जब एक न्यूज चैनल में डिबेट के दौरान उन्होंने राधे माँ
का पक्ष लेते हुए एक महिला धर्मगुरू के साथ हाथापाई की थी. बिग बॉस के घर में
बिताए तीन सप्ताह में ओम स्वामी कई कारणों से चर्चा में रहे, उन्होंने
दावा किया कि वह पैदा होते ही बोलने लगे थे और वह पानी पर चल सकते हैं. हालाँकि
स्वामी ओम जी भले ही खुद को चरित्रवान बताने की पुरजोर कोशिश करते हैं. लेकिन फिर
भी उनके साथ वाले किरादर उन्हें ढोंगी और झूठे कहने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते
हैं. स्वामी ओम को लेकर जारी हुए एक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि उन्होंने कुछ
समय पहले यह दावा किया था कि देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष
2015 के दिल्ली चुनाव के दौरान उनसे मदद मांगी थी. ओम का यह भी कहना है कि वो एक
इंडिपेंडेंट पॉलिटिकल पार्टी से जुड़े हुए हैं और उन्होंने 2015 में विधानसभा का
चुनाव भी लड़ा था. स्वामी ओम पर यह भी आरोप है कि एक बार इन्होंने अपने ही भाई की
दुकान से साइकिल के कीमती पार्ट्स को चुरा लिया था. जबकि इनके उपर हथियार रखने,
दिल्ली के दुकान से साइकिलें चोरी करने और अश्लील फोटो दिखाकर महिला
से पैसे ठगने का संगीन आरोप लगे भी हुए हैं. बताया जा रहा है कि चार गैर जमानती और
टाडा एक्ट के साथ कुल 7 मामले स्वामी ओम पर
दर्ज है.
हालाँकि हमारा
मुद्दा यह नहीं है कि ओम स्वामी क्या है. वो कितना बड़ा बाबा या अपराधी है. न हम
उसके अपराधो की लिस्ट बनाते है. बल्कि हमारा प्रश्न यह कि यदि बिग बॉस जैसे फूहड़
कार्यक्रम में कोई मौलवी या पादरी होता तो क्या होता? भारतीय
मीडिया क्या इसी तरह चटकारे ले लेकर खबर चलाती? यदि यह
किरदार किसी मोलवी को लेकर किया होता तो अभी तक अरब से लेकर सोमालिया तक मिस्र से
लेकर नाइजीरिया तक फतवे जारी नहीं कर दिए गये होते? हमारा समाज सबसे सहिष्णु है.
इस वजह से इसका लाभ उठाया जाता रहा है. ओम जी महाराज एक तरफ तो भारतीय संस्कृति और भक्ति की बातें करते हैं
लेकिन दूसरी तरफ वह अपने चोले और भारतीय संस्कृति की धज्जियां उड़ाने में कोई कोर
कसर नहीं छोड़ रहे है.
सर्वविदित है कि
2015 में एक नन के मां बनने की कहानी पर आधारित नाटक ‘एग्नेस
ऑफ गॉड’ को लेकर भारत समेत सभी इसाई संस्थाए विरोध में खड़ी हो गयी थी.
कैथोलिक सेक्युलर फोरम (सीएसएफ) और कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया
(सीबीसीआई) ने इसे दिखाए जाने का विरोध किया था. उनका कहना था कि यह नाटक ईसाइयों
की धार्मिक मान्यताओं को गलत तरीके से पेश करता है. वहीं, सीबीसीआई
ने गृह मंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा था कि यह उनके समुदाय के लाखों पादरियों की गलत
छवि पेश करता है, जो ब्रह्मचर्य की जिंदगी बिताने के लिए समर्पित
हैं. तब वर्तमान ग्रहमंत्री राजनाथ सिंह तक इस मामले में हस्तक्षेप किया था. इसके
बाद भी नाटक के को जान से मारने की धमकी दी जा रही थी. क्या कभी हिन्दूओ ने अपने
धर्म के सन्दर्भ में हुए अनादर का विरोध किया हैं ?...राजीव चौधरी
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