''एक खुशी की लहर
पूरे आजाद कश्मीर में दौड़ चुकी है। उन शहीदों को भी याद रखना
जो तहरीक-ए-आजादी के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर रहे हैं। उन्हें कोई रोक नहीं सकता।" "हमें बस उस दिन
का इंतजार है, । हम उस दिन के मुंतजिर हैं,
जब इंशाअल्लाह कश्मीर बनेगा पाकिस्तान।'' ये बयान कश्मीर की
आजादी के लिए लड़ने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ का है| हालाँकि 24
घंटे के भीतर
इसके जवाब में सुषमा स्वराज ने कहा, ''पूरा भारत एक
स्वर से वजीर-ए-आजम पाकिस्तान को
बताना चाहता है कि उनका और पाकिस्तान का यह दिवास्वप्न कयामत
तक भी पूरा नहीं होगा।'' सुषमा स्वराज ने अपने बयान में सबसे लाज़बाब
बात यह कही कि पाकिस्तान ने कभी कश्मीर के लोगों को दुआएं नहीं दी, हमेशा हथियार
और आतंकवाद का गहरा दर्द दिया ''जिस देश ने अपने लाखों नागरिकों पर
लड़ाकू विमानों, तोपों और टैंकों
का इस्तेमाल किया हो, उसे हमारे बहादुर अनुशासित और सम्मानीय पुलिस और सुरक्षा बलों पर उंगली उठाने का कोई अधिकार नहीं। सब जानते है
आजादी के बाद से ही पाकिस्तान कश्मीर समेत भारत के कई हिस्सों में अपना घिनौना खेल
रहा है| बंटवारे के बाद पाकिस्तान ने अपने बच्चों का किस तरह पालन पोषण किया,
सभ्यता और प्रग्रति से किन संस्कारों को गहरा किया पूरा विश्व जानता है| गरीबी
ग़ुरबत के चलते उन्हें सिर्फ एक चीज सिखाई कि हमारी सारी परेशानी, की जड़ हिंदुस्तान
है| जब वहां का युवा देश के प्रति सरकारों से जबाबदेही मांगता है तो उन्हें या तो
बन्दुक मिलती या गोली| वरना उसे कश्मीर बनेगा पाकिस्तान का नारा थमा कर सीमापार
भेज दिया जाता है| नतीजा सबके सामने है कि आज पाकिस्तान की पहचान क्या है?
अतीत से लेकर
वर्तमान समय तक वहाबी इस्लाम के लिए पाकिस्तान की जमीन सबसे उपयुक्त रही है, धर्म
के आधार पर अलग हुए राष्ट्र के तौर पर पाकिस्तान ने हमेशा एक सोच तैयार की अपने
बच्चों के मन में भारत के प्रति जहर घोला| अलिफ़ से अल्लाह बे से बन्दुक और जीम से
जिहाद पढ़ते-पढ़ते बच्चें कब तालिबान व् अन्य आतंकी संगठ्नो से जुड़ते है पता ही नहीं
चल पाता| कुछ रोज पहले वरिष्ट पत्रकार और राज्यसभा सांसद एम.जे. अकबर ने कहा था कि
ना जाने कहाँ से मान्यता आयी कि पाकिस्तान की जेहादी फेक्ट्रियां हमारी ही सीमा के
पास है जबकि जिहाद की ये फेक्ट्रियां तो पुरे पाकिस्तान में चल रही है| 1947 के
बाद से अस्तित्व में पाकिस्तान की मंशा न केवल कश्मीर पर बल्कि अफगानिस्तान पर
खराब ही रही है| कभी अफगानिस्तान को भी अपना एक राज्य बनाने की कोशिश में
पाकिस्तान ने वहां पर जन जीवन को हिंसा में धकेलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी|
शायद तभी पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार यह कहने को मजबूर हुई
होगी कि हम 60 साल से अपने बच्चों पढ़ाते आये कि हमारी राष्ट्रीय पहचान दूसरों से
नफरत करना है इसी वजह से आज किसी भी पड़ोसी से हमारे रिश्तें ठीक नहीं है|
कश्मीर के
संदर्भ में पाकिस्तान हमेशा से दोगला राग अलापता आया है एक ओर तो वो कश्मीर की
आजादी वहां जनमत संग्रह की बात करता है कश्मीर को एक आजाद देश बनाने की मांग करता
है किन्तु वहीं दूसरी ओर वो कश्मीर बनेगा पाकिस्तान का राग अलाप कर अपनी मंशा
जगजाहिर करता रहता है| जबकि कश्मीर के संदर्भ संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र में
स्पष्ट लिखा है कि भारत के लिए कश्मीर में तब तक जनमत संग्रह कराना जरूरी नहीं है
जब तक पाकिस्तान इस इलाके में सीज फायर लागू नहीं करता और गुलाम कश्मीर से अपना
कब्ज़ा नहीं छोड़ता यानि के कश्मीर के जनमत संग्रह के लिए पाकिस्तान को अपने सैनिको
नागरिकों को वहां से हटाना पड़ेगा| जबकि भारत को सिमित संख्या में अपने सैनिको की
तैनाती रखने की इजाजत है| पर यहाँ विडम्बना पाकिस्तान की नहीं हमारे देश
बुद्धिजीवी पत्रकार भी इस घोषणापत्र को पढने के बजाय पाकिस्तान के सुर में सुर
मिलाते नजर आते है|
बहुत दिनों से
चुप बैठे पाकिस्तान के अन्दर अचानक कश्मीर प्रेम बेवजह नहीं उपजा इसका कारण है
पिछले तीन महीनों में 3 दर्जन के करीब पाक परशिक्षित आतंकी या तो भारतीय सेना के
साथ मुठभेड़ में मारे जा चुके है या सेना के हत्थे चढ़ चुके है इस वजह से आज
पाकिस्तान परेशान है| भारतीय खुफिया एजेंसी से लेकर सेना के जवान सतर्क है अब जबकि
उसके पास प्रशिक्षित आतंकियों का अकाल सा पड़ता नजर आ रहा है तो उसने गेरप्रशिक्षित
आतंकियों के सहारे कश्मीर में आतंक को आगे बढ़ाने का रास्ता चुना सेना पर पथराव भी
इसी रणनीति का हिस्सा है| इस पुरे प्रकरण में कश्मीरी समुदाय को पाकिस्तान के लेखक
विचारक हसन निसार के व्यक्तव को समझना होगा हसन निसार कहते है कि यदि मुस्लिमों के
लिए इस्लाम ही वजह है तो ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान को मिलाकर एक अलग मुल्क
क्यों नहीं बना लेते? वो आगे कहते है कि पाकिस्तानी शासको के दिमाग में कोढ़ है आज
पाकिस्तान में पटवारी से लेकर प्रधानमंत्री तक भ्रष्ट है अकेला पाकिस्तान ही क्या
पुरे विश्व में डेढ़ अरब मुस्लिम है 60 के करीब देश है किन्तु किसी को आजादी तो दूर
की बात लोकतंत्र भी नसीब नहीं है| ऐसे में जरूरी बात यह कि जब पाकिस्तान का खुद का
पेट नहीं पल रहा है तो वो कश्मीर को पाकिस्तान बना कर क्या देगा? लेख राजीव चौधरी
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